सालाना GST रिटर्न भरना होगा और आसान, फॉर्म में छूट के साथ अंतिम तारीख आगे बढ़ाई
CBIC ने कहा कि सरकार ने इन दोनों फार्म को सरल बनाने का भी निर्णय लिया है. अब इन दोनों फार्म में विभिन्न क्षेत्रों को वैकल्पिक बनाया जायेगा.
पिछले एक साल में GST सालाना रिटर्न और ऑडिटेड स्टेटमेंट की फाइलिंग में सुस्ती देखने को मिली है.
पिछले एक साल में GST सालाना रिटर्न और ऑडिटेड स्टेटमेंट की फाइलिंग में सुस्ती देखने को मिली है.
केंद्र सरकार ने व्यापारियों को राहत देते हुए GST से संबंधित दो रिटर्न फॉर्म को और आसान कर दिया है. साथ ही रिटर्न फॉर्म जमा करने की डेडलाइन को भी आगे बढ़ाया गया है. केंद्रीय अप्रत्यक्ष एवं सीमा शुल्क बोर्ड ने GSTR9 (वार्षिक रिटर्न) और GSTR-9C की तारीख को बढ़ा दिया है. वित्त वर्ष 2017-18 के लिए 31 दिसंबर 2019 और वित्त वर्ष 2018-19 के 31 मार्च 2020 तक रिटर्न फाइल किया जा सकेगा. CBIC ने नए नियमों के बारे में अधिसूचना जारी कर दी है.
केन्द्रीय अप्रत्यक्ष एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के मुताबिक, वर्ष 2017-18 के लिए GSTR9 और GSTR-9C भरने की अंतिम तिथि 30 नवंबर 2019 है, जिसे बढ़ाकर 31 दिसंबर 2019 कर दिया गया है. इसी तरह से वर्ष 2018-19 के लिए इन दोनों फॉर्म को भरने की अंतिम तिथि को 31 दिसंबर 2019 से बढ़ाकर 31 मार्च 2020 कर दिया गया है.
पिछले एक साल से लगातार GST के सालाना रिटर्न और ऑडिटेड स्टेटमेंट की फाइलिंग में सुस्ती देखने को मिली है. इसी वजह से सरकार ने इसे और सरल बनाने का फैसला किया है. सरकार ने शुरुआती दो वर्षों के लिए कंपोजिशन डीलर्स को इसकी फाइलिंग से पहले ही मुक्त कर रखा है, जबकि 2 करोड़ रुपये टर्नओवर तक के सामान्य कारोबारियों के लिए भी यह वैकल्पिक है. इसके बावजूद फाइलिंग में कोई खास तेजी नहीं आई है.
CBIC ने कहा कि सरकार ने इन दोनों फार्म को सरल बनाने का भी निर्णय लिया है. अब इन दोनों फार्म में विभिन्न क्षेत्रों को वैकल्पिक बनाया जायेगा. जीएसटीआर 9 और जीएसटीआर 9 सी को भरने में आ रही कठिनाइयों को लेकर मिले ज्ञापनों के आधार पर इनको भरने की अंतिम तिथि बढ़ाने का निर्णय लिया गया है. CBIC के मुताबिक, अंतिम तिथि बढ़ने और दोनों फार्म को सरल बनाए जाने से GST करदाता वार्षिक रिटर्न भरने में सक्षम होंगे.
सरकार ने इन फार्मों का सरलीकरण करते हुए कई कॉलम ऑप्शनल कर दिया है. अब टैक्सपेयर्स को इनपुट, इनपुट सर्विसेज और कैपिटल गुड्स पर लिए गए इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) की अलग-अलग डिटेल्स नहीं देनी होंगी. दोनों वित्त वर्षों के लिए आउटपुट और इनपुट की HSN कोड की जानकारी भी नहीं देनी होगी. सरकार ने कहा है कि कई उद्योग संगठनों और टैक्स प्रोफेशनल्स की मांग पर यह कदम उठाया गया है और उम्मीद जताई है कि इससे फाइलिंग में तेजी आएगी.
11:44 AM IST